Electricity crisis in China, factory closed, water heating is also prohibited. चीन में इस समय हर जगह बिजली की समस्या है। लोगों से कहा गया है कि हो सके तो पानी गर्म ना करें, क्योंकि पानी गर्म करने के लिए इलेक्ट्रिक का इस्तेमाल करेंगे जिससे बिजली खर्च होगी। देश और दुनिया के तमाम अखबारों में भी यह खबर प्रकाशित की गई है।
दोस्तों, जैसा कि आप जानते हैं की दुनिया के ज्यादातर देशों में सामान की सप्लाई चीन के द्वारा ही की जाती है। दुनिया भर में समान निर्यात करने के मामले में चीन नंबर वन है।
चीन के द्वारा दुनिया भर में ज्यादातर मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक सामान निर्यात किया जाता है। अगर चीन में मोबाइल फैक्ट्री और इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने वाली कंपनियों में बिजली की समस्या खड़ी हो गई तो इसका असर दुनिया भर में देखने को मिलेगा।

चीन में आजकल ऐसा हालात हो गया है कि सड़कों पर गाड़ियां तो चलती दिखाई दे रही है, गाड़ियों में बत्तियां तो जल रही है लेकिन जो स्ट्रीट लाइट है बिजली के खंभों पर बत्तियां जलती हुई दिखाई नहीं दे रही है।
चाइना में बिजली की कमी का मुख्या कारण Main reason for power shortage in China
महत्वपूर्ण बिन्दू
चाइना में जो बिजली की कमी हो रही है इनमें एक प्रमुख कारण कोयला है,क्योंकि चीन में कुल बिजली उत्पादन का लगभग 70 परसेंट बिजली उत्पादन कोयले के माध्यम से ही की जाती है।
चीन में इस कोयले की कमी भारी मात्रा में हो गई है। इस कोयले की कमी के पीछे का एक प्रमुख कारण कोरोना को बताया गया है। इस कोरोना काल में चाइना ने दुनिया के कई देशों के साथ अपनी दुश्मनी मोल ली है।
ऑस्ट्रेलिया दुनिया का पहला देश है जिसने यह बताया था कि कोरोना चीन के यहां से ही फैली है। ऑस्ट्रेलिया ही वह देश है जो चाइना को ज्यादातर कोयला निर्यात करता है।
ऑस्ट्रेलिया जो चीन का एक अच्छा मित्र था लेकिन इस कोरोना काल में इन दोनों देशों के बीच कुछ ऐसा हो गया कि चीन ने ऑस्ट्रेलिया से कोयला मंगाना बंद कर दिया। चीन ने जब कोयला मंगाना बंद किया था उस समय तो चीन की फैक्ट्रियां बंद थी। इसलिए उस समय चीन में इसका असर नहीं देखा गया । क्योंकि उस समय फैक्ट्रियां बंद थी।
चाइना में फैक्ट्रियां भी संकट में Factories in China are also in trouble
कोरोना काल के बाद जब फैक्ट्री खुलना चालू हुआ तो इस समय फैक्ट्रियों में कोयले की मांग बढ़ गई। लेकिन कोयला ना होने के कारण इन फैक्ट्रियों में कोयले की संकट खड़ी हो गई।
इसी समय पर जब कोयले का उत्पादन एवं आयात कम हो रहा था ठीक उसी समय चीन के राष्ट्रपति शी-जिनपिंग ने एक कसम खाली और जो बाइडेन की बातों में आ गए।
हम आपको बता दें की अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 40 देशों का एक मीटिंग बुलाई थी, जिसमें यह कहा गया था कि सभी लोग यह कसम खाइए की 2050 तक हम सभी देश कार्बन न्यूट्रल हो जायेंगे। यानी CO2 का उपयोग जीरो कर देंगे। उनकी तरफ से एक प्रतिनिधि इंडिया भी आए थे।
चीन उनकी बातो में आ गया और भावनाओं में बहते हुए उसने कहा कि हम 2060 तक कार्बन न्यूट्रल हो जाएंगे।
चीन ने 2015 में एक और वादा पेरिस क्लाइमेट में डील कर दी, उस डील में उन्होंने कहा कि जो 2005 का कार्बन का लेवल है उसमें 2030 तक कम कर देंगे,अर्थात कार्बन उत्सर्जन के मामले में 65% तक कमी लाएंगे। जबकि भारत ने कहा था कि हम 2030 तक कारबन का उत्सर्जन 33% तक काम कर देंगे।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग यह सारी कसमें उस समय खा लेते हैं जब फैक्ट्री बंद थी और कोरोना अपने चरम उफान पर था। दुनिया के अंदर किसी चीज की ज्यादा डिमांड नहीं थी। शी जिनपिंग को लगा कि अब सारा काम उनके हिसाब से चलने वाला है । डिमांड जब वो बढ़ाएंगे तो बढ़ जाएगी या जब घटायेगें तो घट जाएगी। लेकिन दुनिया की रफ्तार अचानक बढ़ गई, क्योंकि सारे देशों के पास वैक्सीन मौजूद हो गई।
लेकिन उनके हिसाब से कुछ भी नहीं हुआ तो उन्होंने यह आदेश दिया कि जितना हो सके अधिक से अधिक बिजली काट दी जाए। ऐसी स्थिति में वहां के लोग खाना भी मोबाइल का टॉर्च जला कर के खा रहे हैं। दिन भर में 10 से 12 बार वहां पर बिजली कट रही है। दुकानों में जो सामान बिक रहे हैं वहां पर भी जरनैटर की लाइट लगानी पड़ रही है। बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों के लिफ्ट भी बंद हो गए हैं।
बिजली एक ऐसी चीज है जिसे बचा करके नहीं रखा जा सकता, इसका उत्पादन जब होता है तभी इसका उपयोग कर सकते हैं। अब चीन यह सोच में पड़ गया है कि कोयला कहां से मंगाए रसिया से मंगाए मंगोलिया से मंगाए या आस्ट्रेलिया से मंगाए या अपने यहां कोई खान खोदें।
चाइना में बीजिंग के अंदर 2022 में विंटर ओलंपिक कराना है। विंटर ओलंपिक का मतलब यह है कि बर्फ के अंदर खिलाड़ी खेलेंगे।
चाइना के अंदर जो बड़ी-बड़ी मोबाइल कंपनियां है वहां मोबाइल कंपनी बिजली की कमी के कारण अपना प्रोडक्शन रोक रखा है और कह रही हैं कि ऐसे अगर हालात रहे तो हम यहां पर अपनी कंपनी नहीं चला पाएंगे।
जैसा की आप लोगों को मालूम होगा कि चाइना में व्हाट्सएप की जगह उनका खुद का एक व्हाट्सएप चलता है ।
जिसमें लोग यह एक दूसरे पर कमेंट कर रहे हैं कि ऐसा लग रहा है हम चाइना में नहीं बल्कि उत्तर कोरिया में रह रहे हैं। चीनी और कह रहा है कि हम दुनिया भर में कार्बन उत्सर्जन कम करना चाहते हैं ।
संभव है कि चीन के इस फैसले से दुनिया के कई देशों पर इसका प्रभाव पड़ेगा । ऐसी स्थिति में दुनिया में कई चीजों के दाम बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसका सीधा असर उस देश पर पड़ेगा जिस देश में चीन अपना सामान बेचता है। उन देश में चीन के द्वारा बनाई गई वस्तुओं पर काफी गहरा प्रभाव पड़ेगा।
हम उम्मीद करते हैं की आपको सभी को आज का हमारा यह लेख ” चीन में बिजली संकट, फैक्ट्री बंद,पानी गर्म करने की भी मनाही ( Electricity crisis in China, factory closed, water heating is also prohibited ) “ पसंद आया होगा । यदि आपको हमारा यह लेख Electricity crisis in China, factory closed, water heating is also prohibited अछा लगा हो तो कृपया इस लेख चीन में बिजली संकट, फैक्ट्री बंद,पानी गर्म करने की भी मनाही Electricity crisis in China को अपने सभी साथियों के साथ जरुर शेयर करें , ताकि वह लोग भी इसके बारे में जान सकें और समझ सकें ।
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