What is Black Box : जैसा कि आप सभी जानते हैं की हमारे पहले सीडीएस बिपिन रावत जी का निधन 8 दिसंबर 2021 को एक हेलीकॉप्टर क्रैश होने के दौरान हो गया। बिपिन रावत जी जिस हेलीकॉप्टर में सवार थे वह हेलीकॉप्टर Mi 17. V-5 था।
जिसमें कुल 14 लोग सवार थे जिनमें से 13 लोगों की उस हेलीकॉप्टर के क्रैश होने से उनकी मृत्यु हो गई। उस हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सिर्फ एक कैप्टन वरुण सिंह जिंदा बच्चे हैं और वह भी लगभग 45% जल गए हैं जिन का इलाज बेंगलुरु में चल रहा है।
इस दुर्घटना को लेकर लोगों के मन में बहुत सारे ख्याल आ रहे हैं की इसके पीछे कोई साजिश है या किसी विदेशी ताकतों का कोई हाथ तो था। इस घटना के बाद जो एक उम्मीद की किरण नजर आ रही है वह ब्लैक बॉक्स है।

ब्लैक बॉक्स क्या होता है ? What is Black Box
महत्वपूर्ण बिन्दू
- ब्लैक बॉक्स क्या होता है ? What is Black Box
- इसे ब्लैक बॉक्स क्यों कहा जाता है ?
- यह ब्लैक बॉक्स दिखाई कैसे पड़ता है ?
- ब्लैक बॉक्स में क्या – क्या खासियत होती है ?
- इस ब्लैक बॉक्स में कौन सी डिवाइस लगी होती है ?
- जब कोई भी फ्लाइट्स अगर समुद्र में गिर जाए तो इस ब्लैक बॉक्स का क्या होता है?
- इस ब्लैक बॉक्स में क्या लगा होता है ?
जब हमारे पहले सीडीएस बिपिन रावत जी की मौत की खबर आई उस समय हमारे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद को इस बात की पुष्टि की और कहा कि मामले की पूरी जांच की जाएगी।
जांच करने की बात सामने आई तो यह पता चला कि जांच कैसे की जाएगी क्योंकि उसे हेलीकॉप्टर में सवार 14 लोगों में 13 लोगों की मृत्यु हो गई है। उसके बाद यह देखा गया कि क्या हेलीकॉप्टर में कोई ऐसा साक्ष्य मौजूद है जिससे ऐसी घटना की जांच की जा सके।
जिस हेलीकॉप्टर में यह लोग सफर कर रहे थे वह रूस से खरीदा गया एक उन्नत किस्म का हेलीकॉप्टर था जिसे VIP लोग इस्तेमाल करते हैं। उस हेलीकॉप्टर के बारे में सवाल उठने शुरू हो गए की हेलीकॉप्टर उड़ाने से पहले उसकी जांच सही तरीके से की गई थी कि नहीं, या हेलीकॉप्टर के अंदर कोई कमी थी।
उस हेलीकॉप्टर में कोई ऐसी चीज मौजूद थी जिससे यह पता लगाया जा सके कि हेलीकॉप्टर के अंदर उस समय क्या हुआ था तो पता चला कि इसको पता लगाने के लिए उस हेलीकॉप्टर में ब्लैक बॉक्स जैसी कोई चीज है जिससे इस दुर्घटना बारे में पता किया जा सकता है।
हर उड़ने वाले जहाज, हेलीकॉप्टर या लड़ाकू विमान में एक ब्लैक बॉक्स लगी होती है। ब्लैक बॉक्स एक ऐसा डिवाइस है जिस की विशेषता के बारे में कहा जाता है कि इस डिवाइस के माध्यम से सारी घटनाएं उस बॉक्स में रिकॉर्ड हो जाती है जो उस समय हेलीकॉप्टर या जहाज में घटी होती है।
यहां तक कि उस हेलीकॉप्टर या जहाज में बैठे हुए लोग क्या बातें कर रहे थे वह सारी चीजें और उसमें मौजूद चालक दल के द्वारा की गई बातें भी ऑटोमेटिक इस ब्लैक बॉक्स में रिकॉर्ड हो जाती है। यह ब्लैक बॉक्स तभी निकल कर बाहर आता है जब विमान दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है।
इसे ब्लैक बॉक्स क्यों कहा जाता है ?
जिसे हम ब्लैक बॉक्स कहते हैं दरअसल में वह ब्लैक होता नहीं है। लेकिन अधिकतर घटनाओं में विमान क्रैश होते हैं या जलते हैं जिसके कारण इसका रंग में काला हो जाता है। सामान्यतः इसका जो रंग रखा जाता है वह लाल या ऑरेंज कलर का होता है ताकि यह दूर से ही दिखाएं पड़ जाए।
क्योंकि यहां दुर्घटना में जल जाने के कारण यह काले रंग का दिखने लगता है इसी आधार पर इसे ब्लैक बॉक्स कहा जाता है। शुरुआती समय में यह ब्लैक बॉक्स सामान को रखने के लिए जाना जाता था इसलिए इसे ब्लैक बॉक्स कहा गया है।
लेकिन इस समय ऐसा कुछ नहीं होता है। इसे अब सिर्फ नाम दिया जाता है ब्लैक बॉक्स। ब्लैक बॉक्स सही मायने में या तो लाल रंग, येलो रंग या ऑरेंज कलर का होता है जिसे दूर से देखा जा सके इसलिए इसे इन्हीं रंगों का बनाया जाता है।
यह ब्लैक बॉक्स दिखाई कैसे पड़ता है ?
यह देखने में अलग-अलग आकार का हो सकता है। यह सिलेट्रीकल, एस्पेरीकल या एस्पायर सेप में हो सकता है। साथ ही इस पर एक नोटिस लगा होता है। जिस पर यह लिखा होता है फ्लाइट रिकॉर्डर डू नॉट ओपन अर्थात इसे खोल कर ना देखा जाए।
ब्लैक बॉक्स में क्या – क्या खासियत होती है ?
इस घटना के बाद यह बात निकल कर सामने आती है कि इतना बड़ा हेलीकॉप्टर जल गया उसने मौजूद सभी यात्री जल गए तो फिर यह ब्लैक बॉक्स कैसे बच सकता है। यहां पर हम आपको बता दे कि यह इतनी मजबूती से बनाया जाता है जिसे बनाने के बाद 750 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से इसे कंक्रीट की दीवार पर फेंका जाता है ताकि इसकी मजबूती का पता लगाया जा सके।
इसके ऊपर 5 मिनट तक 2.25 टन का वजन इस पर रखकर देखा जाता है कि इस वजन से यह बॉक्स टूटेगा तो नहीं। इसके साथ-साथ इसे 1 घंटे तक 1100 डिग्री तापमान पर इसे तपा कर देखा जाता है। अर्थात यह जिस मटेरियल से बना होता है वह इतना मजबूत होता है कि वह दुर्घटना के बाद भी इसे प्राप्त करके इससे जानकारियां प्राप्त की जा सकती है।
इस ब्लैक बॉक्स में कौन सी डिवाइस लगी होती है ?
इसमें दो डिवाइस लगी होती है जिसमें तो पहले डिवाइस का नाम फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर ( Flight Data Recorder ) है जो की तुलनात्मक रूप से बड़ा होता है। दूसरा डिवाइस का नाम कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर ( Cockpit Voice Recorder ) होता है।
फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर ( Flight Data Recorder ): फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर मे न केवल फ्लाइट की गतिविधियां रिकॉर्ड होती है अपितु फ्लाइट कितनी ऊंचाई पर उड़ रहा था उस समय उसमें कितना प्रेशर था और कितनी स्पीड में उड़ रहा था यह सारी चीज है फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर में रिकॉर्ड हो जाती है।
इसके अंदर फ्लाइट की 25 घंटे तक की रिकॉर्डिंग सेव हो जाती है। यह लगभग 16 सेंटीमीटर की रेंज रखता है। इसका वजन 4.5 किलोग्राम का होता है।
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर ( Cockpit Voice Recorder ): जब भी फ्लाइट उड़ रही होती है उस समय जो कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर है उसमे जो क्रु मेंबर्स है वह लगातार जहां पर फ्लाइट उतरने वाली होती है वहां पर एयर कंट्रोल स्टाफ से वह बातें कर रहे होते हैं। वह सारी बातें कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में रिकॉर्ड होती रहती है।
इसके अंदर 2 घंटे तक की बातें रिकॉर्ड हो जाती है। यह भी 16 सेंटीमीटर तक की रेंज रखता है। इसका वजन भी 4.5 किलोग्राम होता है।
जब कोई भी फ्लाइट्स अगर समुद्र में गिर जाए तो इस ब्लैक बॉक्स का क्या होता है?
अगर कोई फ्लाइट्स समुद्र में गिर जाती है तो ब्लैक बॉक्स में लगा हुआ सेंसर ऑन हो जाता है और वह एक प्रकार का लाइट छोड़ने लगता है जिससे कि जब कोई ढूंढने वाली डिवाइस इसके पास आती है तो सेंसर में लगी हुई लाइट इसको कैप्चर कर लेती है।
यह पानी के गहराई में 2 किलोमीटर तक अंदर से रेडिएशन छोड़ती है। ऐसी डिवाइस इसके अंदर लगी होती है। अगर यह ब्लैक बॉक्स किसी सतह पर गिर जाता है तो इसे इसके येलो रंग, लाल रंग या ऑरेंज रंग के आधार पर ढूंढ कर निकाला जाता है।
इस ब्लैक बॉक्स में क्या लगा होता है ?
इस ब्लैक बॉक्स में मेमोरी कार्ड या चिप लगी होती है। जिसमें सारी चीजें रिकॉर्ड हो रही होती है। कई बार इस घटना के बाद इस बॉक्स के माध्यम से जानकारियां एक-दो घंटे में ही बाहर आ जाती है। लेकिन बहुत बार ऐसा होता है कि इन्वेस्टिगेशन में 2 साल तक का समय लग जाता है।
उदाहरण के लिए लेबना का एक जहाज क्रैश हुआ था। जिसकी जांच में 2 साल का समय लगा था। कई बार विमान के ज्यादा क्षतिग्रस्त होने से इस ब्लैक बॉक्स को भी नुकसान हो जाते हैं। जिसको रिकवर करने में समय लगता है। जिससे जानकारियां इकट्ठा करने में ज्यादा समय लग जाता है। किसी भी संदेह का जवाब इस ब्लैक बॉक्स से मिल जाता है।

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